प्राइवेट स्कूल उड़ा रहे हैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां

हापुड़। नगरीय क्षेत्र में प्राइवेट स्कूल सुप्रीम कोर्ट के आदेश की खुली धज्जियां उड़ाते हुए देखे गए हैं।  प्रदूषण से मासूम नौनिहालों के स्वास्थ्य को देखते हुए एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 से ऊपर जा रहा था जिसको देखते हुए देश की सर्वोच्च न्यायपालिका सुप्रीम कोर्ट के 18 नवम्बर के आदेशानुसार तत्काल प्रभाव से प्रशासन को नर्सरी से आठवीं तक के सभी स्कूल सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश आने तक बंद करने के आदेश पारित किए थे।  

देश के नौनिहालों के स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल असर ना पड़े क्योंकि इस प्रदूषण की जद में सबसे ज्यादा मासूम बच्चे ही आते है। जिससे उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। तथा आंखे,किडनी, लंग्स इस प्रदूषण से सबसे ज्यादा एफेक्टिड हो रहे है। स्थानीय प्रशासन अपने ऑफिसों में बैठकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जिया उड़ती हुई आराम से देख रहे है। 

जिस पर नगर वासियों का कहना है कि जब स्कूल खुल रहे है तो हमें भी बच्चों को इस प्रदूषित माहौल में बच्चो को स्कूल भेजने पर मजबूर है। वरना उनकी पढ़ाई का नुकसान होता है। वह क्लास में सिलेबस से पीछे रह जाते है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेशो में साफ है कि 18 नवम्बर से अगले आदेश तक नर्सरी से सभी स्कूलों को तत्काल प्रभाव से बंद कराकर ऑन लाइन क्लासेज की व्यवस्था की जाए।

देखने में आया है स्कूल प्रशासन छात्र-छात्राओं को घर से स्कूल और स्कूल से घर जाने के लिए ई-रिक्शाओं व अन्य वाहनों का इंतजाम किया हुआ है। स्कूल प्रशासन शायद इस बात से अनभिज्ञ नहीं है कि एक ई-रिक्शा में दर्जन भर से अधिक छात्र-छात्राओं को बैठाया हुआ है। इस प्रकार से ये लोग छात्र-छात्राओं की ज़िंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे है। खासकर संबन्धित अधिकारियों को तो इस प्रकार के मामलों में तुरंत एक्शन लेना चाहिए ताकि स्कूल प्रशासन छात्र-छात्राओं की ज़िंदगी के साथ खिलवाड़ न कर सके।

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