शर्म और हया की चादर उतार रहे हैं ओयो होटल

 हापुड़। ओ से औरत यो से यौवन इसी के संगम से बना है ओयो। ओयो होटलों में न सिर्फ औरतों के निहारने का काम किया जाता है बल्कि निखारने का काम भी किया जाता है। इन होटलों में आने-जाने वाले लोग शर्म-हया की चादर पहले ही उतारकर फेंक देते है। इसीलिए यहाँ बे-रोक-टोक युगलों की एंट्री होती है। ओयो इंडस्ट्री ने जिस तेजी के साथ कामयाबी हासिल की है अन्य इंडस्ट्रियों के मालिक इस बात का अंदाजा सहजता के साथ लगा सकते हैं। ओयो इंडस्ट्री को किसी प्रकार के प्रचार-प्रसार की भी जरूरत नहीं है। बस बिल्डिंग व भवन पर ओयो लिखा बोर्ड टंगा होना चाहिए।

ओयो इंडस्ट्री ने कुकुरमुत्तों की तरह शहरी के गली-मोहल्लों में अपने पांव पसार रखें हैं। इतना ही नहीं, ओयो इंडस्ट्री ने गांवों को भी नहीं बख्शा हैं। दिलचस्प बात तो यह है ओयो इंडस्ट्री जहां भी अपना पांव जमा लेती है यह वहीं विकसित हो जाती है। अब तो ज़्यादातर लोग मुख्य मार्गों या उनसे कुछ दूरी पर 50-60 गज़ जमीन खरीद लेते हैं और उस पर चार-पांच छोटे-छोटे कमरे बनाकर एक बेड डाल देते हैं। उसके बाद बिल्डिंग व भवन पर ओयो लिखा बोर्ड टंगा दिया है। बस हो गई तैयार ओयो इंडस्ट्री। न किसी प्रचार-प्रसार कराने की जरूरत पड़ी और न भीड़-भड़का जोड़ने की। बस ओयो इंडस्ट्री में एंट्री कराने वाला बैठा होना चाहिए।

ओयो इंडस्ट्री विकसित कराने के पीछे शायद मंशा थी कि प्रेमी-युगल खुले में इज़हार न करें। अक्सर देखा गया है कि कुछ प्रेमी-युगल पार्क, खुले मैदानों, निर्जन स्थानों, सिनेमा हॉल, रेस्टोरेन्ट, चाय कि दुकानों, रेस्तरा व अन्य स्थानों पर प्यार का इज़हार करते हैं। इससे उधर आने-जाने वाले लोगों पर गलत असर तो पड़ता ही है साथ ही लोग एकत्र होकर प्रेमी-युगल की क्लास भी लगा देते हैं। ऐसा हादसा होने से प्रेमी-युगल की काफी बदनामी होती ही है। साथ ही जिल्लत भी झेलनी पड़ती है, ऐसी स्थिति में प्रेमी-युगल मौत तक को अपने गले लगा लेते हैं।

यह सच है कि ओयो इंडस्ट्री विकसित तो हो रही है किन्तु चाँदी की चकाचौंध ने लोगों को अंधा कर दिया है। उन्होने ने ओयो इंडस्ट्री की आड में देह व्यापार तक शुरू कर दिया है। जिसका प्रमाण आए दिन ओयो होटलों पर पड़ रहे छापे हैं। थाना देहात क्षेत्र की जरोठी रोड पर चल रहे द सिगनेचर होटल के पास क्षेत्रवासियों ने स्कूल की ड्रेस पहने छात्रा को लड़के के साथ रंगे हाथों दबोच लिया। दोनों काफ़ी देर से यहां-वहां भटक रहे थे और ओयो होटल में बार-बार आ जा रहे थे। शोर सुनकर आसपास मौजूद लोग इकट्ठा हुए और पुलिस को मामले से अवगत कराया। सूचना पर देहात पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है। 

सूत्रों के मुताबिक द सिगनेचर होटल अवैध रूप से चल रहा है जहां प्रतिदिन छात्र-छात्राओं का यूनिफॉर्म में आना-जाना लगा रहता है लेकिन संबंधित विभाग के साथ-साथ पुलिस व प्रशासन इस ओर आंखें मीचे बैठा है इसलिए इनके मालिकों के हौसले बढ़ रहे हैं। सिगनेचर होटल के पास एक इंटर कॉलेज की छात्रा यूनिफॉर्म में अपने प्रेमी के साथ पहुंची। जब आसपास मौजूद लोगों ने यूनिफॉर्म में छात्रा को होटल के भीतर जाते हुए देखा तो उन्होंने इसका विरोध किया। देखते ही देखते हंगामा खड़ा हो गया। इस दौरान छात्रा अपने प्रेमी के साथ होटल से बाहर आ गई। इसके बाद लोगों ने पुलिस को मामले से अवगत कराया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी। 

क्षेत्रवासियों ने बताया कि यहां बड़ी संख्या में जोड़े आते हैं। बाहर बाइकें व स्कूटर आदि खड़े रहते हैं। यह होटल नियम विरुद्ध चल रहा है जहां गलत काम होते हैं। सच्चाई तो यह है कि जनपद हापुड़ का शायद ही कोई ऐसा इलाका हो जहां अवैध रूप से होटल का संचालन ना हो रहा हो। कई होटल ऐसे हैं जो खुलेआम बिना पंजीकरण के ही चल रहे हैं। जरौठी रोड, गढ़ रोड, दिल्ली रोड, मोदीनगर रोड, बाबूगढ़ छावनी, उपेड़ा, पिलखुवा, गढ़मुक्तेश्वर, धौलाना आदि इलाकों में अवैध रूप से होटलों का संचालन नियम विरुद्ध हो रहा है। इतना ही नहीं गढ़-दिल्ली रोड पर जो ढाबे बंद हो चुके हैं उन्हें भी ओयो में तब्दील कर दिया गया है।

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